कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है,
मगर धरती की बैचेनी को बस बादल समझता है,
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है,
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है,
मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है,
कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आंसू है,
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है,
समंदर पीर का अन्दर है लेकिन रो नहीं सकता,
ये आंसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता,
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा,
हमारे दिल में कोई ख़वाब पल बैठा तो हंगामा,
अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का,
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा!!!!!!!!
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे आगे,
तू देख के क्या रंग है तेरा मेरे आगे!!!!!!!!
No comments:
Post a Comment